बंगाल विभाजन का ऐतिहासिक संदर्भ
1911 में बंगाल विभाजन के रद्द होने की महत्वपूर्ण घटना ने भारतीय इतिहास में एक नया मोड़ दिया। बंगाल विभाजन, जो 1905 में किया गया था, ने भारतीय समाज में अनेक विवाद पैदा किए थे। विभाजन का मुख्य उद्देश्य हिंदू और मुसलमानों के बीच विभाजन को बढ़ावा देना था, जो सामूहिक रूप से राष्ट्र को कमजोर करने के प्रयास के रूप में देखा गया।
1911 का बंगाल विभाजन रद्द करना
1911 में जब ब्रिटिश सरकार ने बंगाल विभाजन को रद्द किया, तो यह एक सकारात्मक कदम था जिसने भारतीयों में उत्साह पैदा किया। इस निर्णय ने न केवल बंगाल के लोगों को एकजुट किया, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की गति को भी तेज किया। रद्द करने के साथ ही, यह भी तय किया गया कि भारत की राजधानी को कलकत्ता (अब कोलकाता) से दिल्ली स्थानांतरित किया जाएगा।
दिल्ली: नई राजधानी का महत्व
दिल्ली का चयन आगामी राजनीतिक और ऐतिहासिक जरूरतों के अनुरूप किया गया था। दिल्ली को नए प्रकार के शासन और सुधार का प्रतीक माना गया। इस स्थानांतरण ने भारत की संस्कृति, वास्तुकला, और सरकारी ढांचे पर गहरा असर डाला। नए वासेलिया के निर्माण के माध्यम से दिल्ली ने एक नए युग की शुरुआत की।