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धार्मिक साहित्य वेद

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वेद का अर्थ जानना अथवा ज्ञान होता है | वेद संस्कृत के विद् धातु से निकला है | वेद को अपौरुषय कहा गया है, क्योंकि इसका आह्वान किसी मनुष्य के द्वारा न करके ईश्वरकृत है | वेद श्रुति है | प्रारम्भ में वेद को त्रयी माना जाता था | इसके दो कारण थे |

(ii) अथर्ववेद का विषयवस्तु अन्य तीन वेदों कि विषयवस्तु से भिन्न थी |

परन्तु बाद में देखा गया कि अथर्ववेद में में 1200 स्थान पर ब्रह्म शब्द का प्रयोग हुआ है | चुँकि ब्रह्म का शाब्दिक अर्थ यज्ञ होता है इसी कारणवश अथर्ववेद को वेद के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है | वेद चातुर्थिक कहलाया | वेद के मन्त्र प्राकृतिक शक्तियों के प्रतिनिधि देवताओं को समर्पित है | वेद को अम्नाय भी कहा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि वेद के मन्त्रों से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है | वेद धर्मदर्शन तथा आध्यात्म की जानकारी देता है | राजनीतिक विज्ञान, प्राकृतिक विज्ञान, गणित, पर्यावरण की जानकारी वेद से प्राप्त होती है |

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