अधिगम के लिए आकलन ( Assessment for learning);आकलन के आधार ( Basics of Assesment)
उत्तर --------मूल्यांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definition of Evaluation)—
मूल्यांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definition of Evaluation)—शिक्षा एवं सोद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है । शिक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करके बालक का सर्वांगीण विकास भली-भाँति किया जा सकता है। इस दृष्टिकोण से मूल्यांकन शिक्षा के उद्देश्यों पर आधारित रहता है । मापन किसी वस्तु या घटना के विभिन्न आयामों को प्रतीक, अंक या चिह्न प्रदान करता है तथावह यह बता सकता है कि किसी बालक विशेष की बुद्धिलब्धि 120 है, पर अध्यापक को यह भी जानना होता है कि बालक के प्राप्तांक कितने अच्छे (How good) है ? बालक का कक्षा में स्थान है ? कितने छात्र ऐसे हैं जिनकी एकांकी रूप से बालक के विषय में कुछ नहीं बतला सकते हैं । मूल्यांकन द्वारा परिमाणात्मक तथा गुणात्मक दोनों ही प्रकार की सूचनाएँ प्राप्त होती हैं जिनके आधार पर बालक की योग्यता एवं उपलब्धियों का आंकलन किया जाता है ।
मूल्यांकन का शाब्दिक अर्थ है-मूल्य का अंकन । मापन द्वारा केवल किसी वस्त, प्राणीअथव क्रिया की किसी विशेषता को मानक शब्दों, चिह्नों अथवा इकाई अंकों में व्यक्त किया जाता है । इन शब्दों, चिह्नों अथवा कोई अंकों द्वारा वस्तु, प्राणी अथवा क्रिया की किसी विशेषता का अर्थापन नहीं किया जा सकता है। विशेषता के अर्थापन हेतु मूल्यांकन किया जाता है । यह मूल्यांकन कुछ सामाजिक, सांस्कृतिक अथवा वैज्ञानिक मानदण्डों के आधार पर किया जाता है । इस प्रकार मूल्यांकन के शाब्दिक अर्थ को स्पष्ट किया जा सकता है-
मूल्यांकन
= मापन
(Evaluation) = (Measurement) (संख्यात्मक/परिमाणात्मक)
(Quantitative)
+ मूल्य निर्धारण
(Value judgement)
(गुणात्मक) (Qualitative)
)
इस प्रकार मूल्यांकन का अभिप्राय मापन के साथ-साथ मूल्य निर्धारण से है अर्थात् अधिगम अनुभवों निर्णय देना है। अतः मापन मूल्यांकन का ही एक भाग है तथा सदैव उमें निहित होता है ।
मूल्यांकन की परिभाषा विद्वान एवं संस्था द्वारा (Definitin of Evaluation)
मूल्यांकन की परिभाषा (Definitin of Evaluation)- क्विलेन तथा हन्ना के अनुसार “विद्यालय द्वारा हुए बालक के व्यवहार परिवर्तन के विषय में साक्षियों के संकलन तथा उनकी व्याख्या करने की प्रक्रिया हीं मूल्यांकन है ।”
(Evalauation is the process of gathering and interpreting evidences on changes in the behaviour of the students as they process throught school.) -Quillen and Hanna)
रेमर्स एवं गेज के असार-“मूल्यांकन के अन्दर व्यक्ति या समाज अथवा दोनों की दृष्टि में जो उत्तम अथवा वांछनीय है, उसको मानकर चला जाता है।”
(Evaluation assumes a purpose or an idea of what is good or desirable from the stand point of the individual or society or both.)
-Remmers & Gage
शिक्षण अनुसंधान विषय कोष (Envyclopaedia of Educational Research) के अनुसार-“मूल्यांकन अपेक्षाकृत नवीन तकनीकी शब्द है, जिसका प्रयोग मापन की पारस्परिक परीक्षा व परीक्षण को अधिक विस्तृत अर्थ देने के लिए किया गया है ।”
(Evaluation is realtively new technique term, introduced to designate a more comprehensive concept of measurement than is implied inconventional tests and examination.)
डांडेकर महोदय के अनुसार — “मूल्यांकन हमें यह बताता है कि बालक ने किस सीमा तक किन शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त किया है ।”
(Evaluation may be defined a a systemative process of determining the extent to which educational objectives are achieved by pupils.)
-Dandekar.
ट्रॉरगेर्सन तथा एडम्स के अनुसार- “मूल्यांकन का अर्थ है किसी वस्तु या प्रक्रिया का मूल्य निश्चित करना। इस प्रकार शैक्षिक मूल्यांकन से तात्पर्य है शिक्षण प्रक्रिया तथा सीखने की क्रियाओं उत्पन्न अनुभवों की उपयोगिता के बारे में निर्णय देना ।”
(To evaluate is to ascertain the value of some process or thing. Thus, Education Evaluation is the passing of judgement on degree of wroth whilesness some teaching process or learning experience.
– Torgeron & Adan
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) के अनुसार – “मूल्यांकन प्रक्रिया है जिसके द्वारा यह ज्ञात किया जाता है कि उद्देश्य किस सीमा तक प्राप्त किए गये के उद्देश्यपूर्ण किए गये हैं । हैं, कक्षा में दिए, अधिगम अनुभव कहाँ तक प्रभावशाली सिद्ध हुए हैं और कहाँ तक शिक्षा
(Evaluationis the process of determing the extent to which an objective being attained, the effectiveness of the learning experiences provided in class room and how well goals of educatiove have been accomplished.) -NCE
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान दिल्ली की पुस्तक ‘Concept ofEvaluation के अनुसार मूल्यांकन प्रक्रिया में मुख्यतः निम्न तीन बातों के सम्बन्ध में निर्णय किया जाता है-1.शिक्षण उद्देश्यों की प्राप्ति किस सीमा तक हुई ?
2.उद्देश्य प्राप्त करने की विधि/प्रविधि कितनी प्रभावी रही?
.3. अधिगम-अनुभव कितने प्रभावी उत्पादक रहे ?उपरोक्त तीनों कथन मिलकर मूल्यांकन प्रक्रिया को पूरा करते हैं। इन तीनों के आपसी सम्बन्ध त्रिभुजाकर आकृति से निम्न प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है।
मूल्यांकान ~मूल्यांकन
प्रक्रिया~अधिगम अनुभव
~ मूल्यांकन विधि/प्रविधिलगाया जाता है कि अधिगम अनुभव बालक में उचित ढंग से व्यवहारगत परिवर्तन कर रहे अथवा नहीं। अतः ये दोनों एक दूसरे का निर्धारण करते हैं तथा आपस में प्रभावित होकर परिवर्तित भी होते रहते हैं । इस प्रकार कहा जा सकता है कि शिक्षण और अधिगम दोनों मूल्यांकन की ही विषयवस्तु है क्योंकि इनके द्वारा प्रशिक्षण तथा अधिगम की उपयुक्तता का पता लगाया जा सकता है ।
मूल्यांकन के कार्य (Functions of Evaluation)-मूल्यांकन के प्रमुख कार्य निम्नलिखित
1. पाठ्यक्रम में आवश्यक संशोधन करना ।
परीक्षा प्रणाली में सुधार करना ।
3. निर्देशन एवं परामर्श हेतु उचित अवसर प्रदान करना ।
4. बालकों के व्यवहार सम्बन्धी परिवर्तनों की जाँच करना ।
_5 अध्यापकों की कार्य कुशलता एवं सफलता का मापन करना ।
6. बालकों की दुर्बलताओं तथा योग्यताओं की जानकारी प्रदान करने में सहायता देना ।
7. अनुदेशन (Instruction) की प्रभावशीलता का पता लगाना ।
8. नवीनतम एवं प्रभावी शिक्षण विधियों एवं प्रविधियों की खोज करना ।
9. बालकों का विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकरण करना ।
10- प्रचलित प्रशिक्षण विधियों तथा पाठ्य-पुस्तकों की जाँच करके उनमें अपेक्षित सुधार करना । 11. बालकों की अधिगम कठिनाइयों का पता लगाना ।
12. बालकों की व्यक्तिगत एवं सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु जानकारी प्रदान
करना ।
13. बालकों को उत्तम ढंग से सीखने के लिए प्रोत्साहित करना ।
14. निदानात्मक (Diagnostic) तथा उपचारात्मक (Remedial) शिक्षण पर बल देना ।
15. शिक्षण-व्यूह रचना (Teaching Strategy) में सुधार एवं विकास करना ।